डिलीवरी के बाद दूध न आये तो क्या करे? – How to Increase Breast Milk

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डिलीवरी के बाद दूध न आये तो क्या करे?

मां बनने के बाद अधिकतर महिलाओं को सबसे अधिक जिस समस्या का सामना करना पड़ता है वो है: ब्रेस्ट में दूध न आना या दूध बहुत कम आना. आपमें से कई सारी नई मांओं के मन में ये सवाल आता होगा कि डिलीवरी के बाद दूध न आये तो क्या करे? तो आज के इस ब्लॉग में हम ऐसी ही मांओं के लिए इस समस्या का समाधान लेकर आये हैं. सही जानकारी के लिए पूरा आर्टिकल ध्यान से ज़रूर पढ़ें.

प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद महिलाओं का शरीर स्‍तनपान के लिए तैयार होता है. डिलीवरी के बाद ब्रेस्‍ट में पर्याप्‍त दूध आना बहुत ज़रूरी होता है क्‍योंकि मां का दूध ही बच्‍चे के लिए पोषण और आहार का एकमात्र जरिया होता है और नवजात शिशु पूरी तरह से मां के दूध पर ही निर्भर रहता है.

लेकिन कभी-कभी ऐसी स्थिति आ जाती है कि डिलीवरी के बाद मां अपने शिशु को स्तनपान कराने में सक्षम नहीं हो पाती है और इसका कारण होता है मां के स्तनों में दूध न आना.

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डिलीवरी के बाद दूध न बनने के कारण

डिलीवरी हो जाने के बाद कुछ दिन तक भी यदि मां के स्तनों में दूध न आये तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं. जिनमें से कुछ कारण नीचे बताये गए हैं.

मां के शरीर में हार्मोन्स से जुड़ी समस्याएं

सिज़ेरियन डिलीवरी के केस में ऐसा हो सकता है कि मां के स्तनों में दूध न निकले. इसका कारण यह है कि कभी-कभी सिज़ेरियन होने के बाद मां को एक या दो दिन तक अपने नवजात शिशु से दूर रहना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में नई मां के शरीर में एकदम से वे हार्मोन्स एक्टिव नहीं हो पाते हैं जो दूध बनाने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं. जिस वजह से तीन या चार दिनों तक मां के स्तनों में दूध नहीं बन पाता है.

यदि आप पहले से ही थायराइड, शुगर या फिर हाइपरटेंशन जैसी बीमारी से पीड़ित हैं तो आपके हार्मोन्स असंतुलित हो सकते हैं. इस कारण भी आपको पर्याप्त दूध बना पाने में परेशानी हो सकती है.

ब्रेस्ट में निप्पल अदर धंसे रहना

यदि मां की ब्रेस्ट में निप्पल अन्दर को धंसे हुए हैं तो बच्चा उन्हें ठीक से suck नहीं कर पाता है और मां की ब्रेस्ट में दूध की नलियां नहीं खुल पाती हैं. जिस वजह से बच्चे को मां का दूध नहीं मिल पाता है.

निप्पल अंदर धंसे रहने की वजह से बच्चा दूध को सही तरीके से पीने में सक्षम नहीं हो पाता है जिसके कारण बच्चे की भूख नहीं मिट पाती है. अतः इस समस्या से बचने के लिए मां की ब्रेस्ट की रोज़ाना तेल से मालिश करनी चाहिए. मालिश होने से निप्पल बाहर की ओर आते हैं और बच्चा दूध को suck कर पाता है.

धूम्रपान या एल्कोहल का सेवन

कुछ महिलाओं को धूम्रपान और एल्कोहल लेने की बुरी आदत होती है. धूम्रपान और एल्कोहल का असर लेक्टेशन पर पड़ता है जिससे ब्रेस्ट में मिल्क सप्लाई कम हो सकती है. इसलिए मां बनने के बाद भी यदि आपने इस लत को न छोड़ा तो यह आपके लिए परेशानी का कारण बन सकती है.

मां का दूध बढ़ाने के उपाय – Natural Tips to Increase Breast Milk

एक रिसर्च के अनुसार 70% से अधिक महिलाएं मां बनने के बाद अपनी डिलीवरी के शुरुआती महीनों में ही ब्रेस्ट फीडिंग कराना बंद कर देती हैं और इसका प्रमुख कारण होता है ब्रेस्ट में पर्याप्त दूध न आना. यदि आप भी इस समस्या से जूझ रही हैं तो नीचे दी गई बातों का ज़रूर पालन करें.

शिशु अपनी मां के संपर्क में रहे

मां अपने शिशु को अपने संपर्क में रखे. जन्म के तुरंत बाद बच्चा मां से स्किन टू स्किन टच में रहे. मां जितना अधिक समय शिशु के नज़दीक रहेगी उतना ही अधिक मां के शरीर में दूध बनाने वाले हार्मोन्स एक्टिव होंगे और बच्चे के लिए मां का दूध पीना आसान रहेगा.

बच्चे को दोनों तरफ से स्तनपान करवाएं

बच्चे को सिर्फ एक ही ब्रेस्ट से दूध न पिलाएं बल्कि दोनों तरफ से स्तनपान करवाएं. जब बच्चा एक तरफ से दूध पीना बंद कर दे तो उसे दूसरी तरफ से दूध पिलाने का प्रयास करें. ऐसा करने से ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई बढ़ेगी और बच्चे की भूख भी मिटेगी.

बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाने की कोशिश करें

जब बच्चा स्तनपान करेगा तभी मां के शरीर में और दूध बनेगा और मिल्क की सप्लाई भी बढ़ेगी. इसलिए बच्चे को दिन में कम से कम 10 से 12 बार ब्रेस्टफीड करवाने की कोशिश करें.

जब भी बच्चा भूखा होता है तो मां की ब्रेस्ट स्वतः ही दूध से भर जाती हैं और उन्हें खाली करना बहुत ज़रूरी होता है. इसलिए यदि बच्चा सोया हुआ है तो भी उसे दूध पिलाने की पूरी कोशिश करें. यदि बच्चा भूखा है तो वह नींद में भी स्तनपान कर लेता है. कभी भी दूध को ब्रेस्ट में जमा न रहने दें.

दूध बढ़ाने के लिए दूध पिएं

पुराने ज़माने से ही बुजुर्ग लोग मां बनने वाली महिला को ये सलाह देते रहे हैं कि बच्चे को दूध पिलाने के लिए स्वयं भी खूब दूध पियो. नई-नई मां बनने वाली हर स्त्री के लिए यह बहुत ही ज़रूरी है कि वो रोजाना सुबह-शाम एक-एक गिलास दूध ज़रूर पिएं. यदि आपको दूध पीना पसंद नहीं है तो आप दूध को अन्य किसी तरह से भी ले सकती हैं. दूध की जगह पर अन्य डेयरी उत्पादों जैसे: दलिया, खीर, पनीर आदि का सेवन किया जा सकता है.

घर का बना भोजन ही करें और अच्छी डाइट लें

मां बनने के बाद महिलाएं अपने बच्चे के साथ इतनी अधिक बिज़ी हो जाती हैं कि वे अपनी डाइट की ओर ध्यान ही नहीं दे पाती हैं. जबकि डिलीवरी होने के बाद यदि मां की डाइट सही नहीं होगी तो उसकी बॉडी उतना अधिक मिल्क प्रोड्यूस नहीं कर पाएगी जितना कि बच्चे को आवश्यकता है.

इसलिए ये बहुत ही ज़रूरी है कि प्रसव के बाद मां की डाइट अच्छी हो, संतुलित हो और न्यूट्रीशंस से भरपूर हो. इस बात का भी ख़ास ध्यान रखें कि मां को केवल घर का ही बना भोजन करना चाहिए. बाहर का भोजन बिल्कुल अवॉयड करें.

दूध बढ़ाने के लिए दूध का बना हुआ दलिया और ओट्स का सेवन करना मां और शिशु दोनों के लिए ही बहुत फायदेमंद रहता है. दलिया और ओट्स में दूध बढ़ाने की शक्ति होती है. हरी पत्तेदार सब्जियों को भी अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें.

भरपूर पानी पिएं

ब्रेस्ट मिल्क में 87% पानी ही मौजूद होता है. जितना अधिक आप पानी का सेवन करेंगी उतनी ही अधिक मिल्क की सप्लाई बढ़ेगी. इसलिए डिलीवरी के बाद रोज़ाना 10 से 12 गिलास पानी ज़रूर पिएं. लेकिन इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि ठंडा पानी बिल्कुल भी न पिएं. गर्म पानी या गुनगुने पानी का ही सेवन करें.

जीरा के पानी का सेवन करें

जीरा का पानी ब्रेस्ट सप्लाई को बढ़ाने का काम करता है. इसलिए आप जीरा को भूनकर इसका पाउडर अपने पास रखें और रोज़ाना इसका सेवन करें. यदि आप गर्म पानी के साथ इसका सेवन करेंगी तो यह और भी अधिक फायदेमंद होता है और रोज़ इसे पीने से ब्रेस्ट में दूध का उत्पादन बढ़ता है. जीरे का सेवन करने से आपका पाचन भी दुरुस्त रहेगा और कब्ज की शिकायत भी नहीं रहेगी.

अजवाइन और सौंफ का पानी पिएं

अजवाइन का पानी पीने से भी मां के शरीर में ब्रेस्ट सप्लाई बढ़ती है. इसलिए रोज़ अजवाइन का पानी पिएं. इसी प्रकार सौंफ में भी दूध बढ़ाने का गुण मौजूद होता है. रात को एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच सौंफ को भिगोकर रख दें और सुबह उठकर इस पानी को पी लें.

मेथी दाना का सेवन करें

मेथी के बीजों का प्रयोग काफी पहले समय से ब्रेस्ट में दूध उत्पादन के लिए किया जाता आ रहा है. मेथी दाने को भिगोकर इसे मूंग दाल की खिचड़ी में या पुलाव में इस्तेमाल करें. मेथी के लड्डू बनाकर खाएं.

दाल फ्राई करने के लिए या कढ़ी बनाते समय मेंथी दाने का तड़का लगाएं. मेथी की हरी पत्तियों की सब्जी का भी सेवन करना चाहिए. एक दिन में दो चम्मच मेथी दाना का प्रयोग करना सही रहता है. मेथी दाने को भिगोने का फायदा यह है कि इसमें मौजूद फाइबर अच्छी तरह से मां के शरीर तक पहुंचता है और यह ब्रेस्ट सप्लाई को बढ़ाने में भी मददगार है.

मूंग की दाल का सेवन करें

ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई को बढ़ाने के लिए मां को मूंग की दाल का सेवन करना चाहिए. मूंग की दाल पीने से ब्रेस्ट में मिल्क सप्लाई बढ़ती है.

गोंद के लड्डू खाएं

डिलीवरी के बाद मां के शरीर में बहुत अधिक कमज़ोरी आ जाती है. इस कमज़ोरी को दूर करने के लिए मां को गोंद और ड्राई फ्रूट्स के लड्डू खिलाये जाते हैं. गोंद कैल्शियम और मैग्नीशियम का रिच स्रोत है और यह ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई को भी बढ़ाता है.

इसलिए रोज़ सुबह-शाम गोंद के एक-एक लड्डू ज़रूर खाएं. गोंद के लड्डू बनाते समय यदि इसमें सूखा नारियल भी मिलाया जाए तो यह और भी अधिक फायदेमंद होता है. नारियल भी दूध को बढ़ाने में सहायक है.

मोरिंगा या ड्रमस्टिक की पत्तियां

साइंटिफकली साबित हो चुका है कि नई मां के लिए मोरिंगा या ड्रमस्टिक बहुत फायदेमंद है. इसकी हरी पत्तियों की सब्जी खाएं या इसका पाउडर बनाकर इस्तेमाल करें. यह प्रोटीन और कैल्शियम का बहुत ही अच्छा स्रोत होता है.

आयुर्वेदिक दवा और लेक्टेटिंग सप्लीमेंट्स का प्रयोग करें

कुछ आयुर्वेदिक दवा जैसे: शतावरी, जीवंती, कम्बोजी आदि भी ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन बढ़ाने के काम आती हैं और इनका कोई साइड इफैक्ट भी नहीं होता है. अतः आप डॉक्टर की सलाह पर इनका सेवन कर सकती हैं.

इसके अलावा आप आयुर्वेदिक दवा StriVeda by Zandu का भी प्रयोग कर सकते हैं. इसमें शतावरी होता है जो कि गैलेक्टोगोग है और मिल्क प्रोडक्शन बढ़ाने में काफ़ी हेल्पफुल है.

ब्रेस्ट की मसाज करवाएं

डिलीवरी के बाद मां के पूरे शरीर की बॉडी मसाज होना बहुत ज़रूरी होता है. यदि आपकी नॉर्मल डिलीवरी हुई है तो आप डिलीवरी के एक हफ़्ते बाद से ही अपनी मसाज करवाना शुरू कर सकती हैं. मसाज के लिए सरसों का तेल, बादाम का तेल या नारियल का तेल बहुत अच्छा रहता है.

सबसे बेहतर ऑप्शन है कि आप क्लॉकवाइस और एंटी क्लॉकवाइस डाइरेक्शन में सरसों के तेल की मालिश करवाएं. ब्रेस्ट की अच्छी तरह से मालिश करवाने से ब्लड फ्लो बढ़ता है, ब्रेस्ट की ग्रंथियां सक्रिय हो जाती हैं और दूध अच्छे से बाहर आता है.

डिलीवरी के बाद कम से कम एक माह तक महिला की मालिश होने से महिला का शरीर मजबूत बनता है, शरीर में ताकत आती है और स्ट्रेस भी दूर होता है. इसलिए डिलीवरी होने के बाद ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई बढ़ाने के लिए ब्रेस्ट की मालिश अवश्य करवाएं.

स्ट्रेस से दूर रहें

स्टडी ये कहती है कि स्ट्रेस का सीधा असर भी ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई पर पड़ता है. इसलिए मां बनने के बाद भी आपको स्ट्रेस फ्री रहना आवश्यक है. यदि मां स्ट्रेस में है तो उसे स्तनपान करवाने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए हमेंशा खुश रहें, पूरी नींद लें और तनाव से दूर रहें.