शिशुओं में दांत निकलने के लक्षण और देर से दांत निकलने के क्या कारण हैं?

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शिशुओं में दांत निकलने के लक्षण और देर से दांत निकलने के क्या कारण हैं?

आपके नन्हें से शिशु का पहला दांत आना आपके साथ-साथ आपके शिशु के लिए भी एक रोमांचक समय होता है. आज के ब्लॉग में हम जानेंगे शिशुओं में दांत निकलने के लक्षण और देर से दांत निकलने के क्या कारण हैं?

छः महीने के बाद 7, 8, 9, या 10 माह में बच्चे के दूध के दांत उसके मसूढ़ों से उभरने लगते हैं और इसी समय दूध के दांत विकसित होने लगते हैं.

बच्चों का दांत कब निकलता है?

वैसे तो शिशुओं में दूध के दांत छः माह के बाद किसी भी समय निकलने शुरू हो जाते हैं लेकिन कुछ बच्चों के दांत चार या पांच माह महीने में भी आने लग जाते हैं. जब दांत मसूड़ों के अंदर से बाहर की ओर आ जाएं तब बच्चों के दांत निकलने लग जाते हैं.

सामान्यतः बच्चे के निचले जबड़े के दो दांत पहले आते हैं और ऊपरी जबड़े के दो दांत बाद में लेकिन, कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कुछ बच्चों के ऊपर के दांत पहले आते हैं और नीचे के दांत बाद में आते हैं. किसी भी स्थिति में आपको परेशान होने की ज़रुरत नहीं है, क्योंकि बच्चे का कोई भी दांत पहले या बाद में आना एक सामान्य प्रक्रिया है. हर बच्चे में दांत निकलने की प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती है. इस प्रक्रिया को किसी भी अंधविश्वास से मत जोड़िये.

शिशुओं में दांत निकलने के लक्षण

नीचे दिये गए कुछ लक्षणों को देखकर आप ये समझ सकते हो कि आपके बच्चे के दांत अब आने वाले हैं. कुछ बच्चों के दांत आराम से निकल जाते हैं लेकिन कुछ को दर्द का सामना करना पड़ता है. यह दर्द दांत निकलने के 5 से 6 दिन पहले रहता है और दांत निकलने के बाद चला जाता है.

  • मसूड़ों में सूजन: जब बच्चों के दांत निकलने लगते हैं तब उनके मसूड़े सूजकर लाल हो जाते हैं और उनमें दर्द होता है.
  • लार आना: दांत निकलते समय बच्चे के मुंह से बहुत अधिक लार निकलती है और बच्चा अपने कपड़े गीले कर लेता है.
  • दस्त लगना: दांत निकलने के दौरान बच्चे को उल्टी या दस्त से भी गुजरना पड़ सकता है.
  • कान व गाल खींचना: क्योंकि कानों और मसूड़ों का एक ही नर्वस सिस्टम होता है इसलिए, मसूड़ों में दर्द होने की वजह से बच्चे के कानों में भी दर्द होता है और बच्चे बार-बार अपना कान खींचते हैं. ठीक इसी तरह मसूड़ों में दर्द के कारण बच्चे अपने गाल भी खींच सकते हैं ताकि उन्हें दर्द में थोड़ा आराम मिल सके.
  • ज्यादा काटना व चबाना: मसूड़ों में दर्द होने की वजह से बच्चा हर चीज़ को मुंह में डालकर काटने व चबाने की कोशिश करता है ताकि उसे दर्द से थोड़ी राहत मिल सके.
  • कम खाना: इस वक़्त बच्चा दर्द की वजह से परेशान रहता है और खाना चबाने से उसके मसूड़ों में और ज्यादा दर्द होता है इसलिए वह खाना खाना भी कम कर देता है यहां तक कि वो दूध पीना भी पसंद नहीं करता है.
  • पहले की अपेक्षा ज्यादा रोना: दांत निकलते वक़्त बच्चा पहले की अपेक्षा कुछ ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाता है और मसूड़ों में दर्द की वजह से बार-बार रोता रहता है.
  • बुखार आना: जिस वक़्त बच्चे के दांत आने शुरू होते हैं उस वक़्त बच्चे को हल्का बुखार भी आता है.

ऊपर बताए गए लक्षणों के अतिरिक्त यदि आपका बच्चा लगातार रोता रहे या आपको उसके स्वाथ्य में ज्यादा उतार-चढ़ाव दिखाई दे तो आपको बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने में देर नहीं करनी चाहिए.

शिशुओं के दांत देर से निकलने के क्या कारण हैं?

कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कुछ शिशुओं के दांत साल भर में या उससे बाद भी निकल सकते हैं. यदि आपके बच्चे के दांत निकलने में भी देर हो रही है तो घबराने की ज़रुरत नहीं है. इसके कई सारे कारण हो सकते हैं. बच्चे के दांत देर से निकलने पर उसके शारीरिक विकास पर कोई फ़र्क नहीं पड़ता है. लेकिन यदि 1.5 या 2 साल का हो जाने के बाद भी आपके शिशु के दांत अब तक नहीं निकले हैं तो आपको उसे डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए.

आइए जानते हैं कि आपके बच्चे के दांत देर से आने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं.

  • जेनेटिक कारण: यदि माता या पिता में से किसी के भी दांत बचपन में देरी से निकले हों तो आपके बच्चे के दांत भी देर से निकलने की संभावना रहती है.
  • समय से पहले बच्चे का जन्म: जिन बच्चों का जन्म समय से पहले हो जाता है उनके दांत भी देर से निकल सकते हैं.
  • पोषण की कमी: यदि आपके नवजात शिशु के शरीर में पोषण की कमी है यानि अगर बच्चे को मां का पर्याप्त दूध नहीं मिल पा रहा है या आप बच्चे को ऐसा फ़ॉर्मूला मिल्क दे रहे हैं जिसमें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मौजूद नहीं हैं तो ऐसी स्थिति में भी उसके दांत देर से निकलते हैं.
  • विटामिन D और कैल्शियम की कमी: कभी-कभी बच्चे में विटामिन D या कैल्शियम की कमी होने के कारण बच्चे के दांत बहुत देर से आते हैं.
  • हाइपोथायरायडिज्म: हाइपोथायरायडिज्म नामक समस्या से ग्रसित होने के कारण भी बच्चे के दांत बहुत देर से आते हैं. यह एक ऐसी शारीरिक समस्या है जिसमें थायरॉयड ग्रंथियां पर्याप्त मात्रा में थायरॉयड हार्मोन का निर्माण नहीं कर पाती हैं, जिस वजह से आपके शिशु को हर बात में देरी होने की संभावना रहती है. जैसे- दांत निकलना, चलना या फिर बोलना आदि.