नवजात शिशु की मालिश कब और कैसे करें?

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नवजात शिशु की मालिश कब और कैसे करें

शरीर के सही विकास के लिए नवजात शिशु की मालिश करना बहुत जरूरी है. लेकिन इसके लिए आपको मालिश से जुड़ी कुछ जरूरी बातें भी पता होनी चाहिए. आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि नवजात शिशु की मालिश कब और कैसे करें.  

नवजात शिशु की मालिश कब करें?

जब बच्चे की अम्बलिकल कॉर्ड (नाल) अपने आप ही गिर जाती है तब आपको नवजात शिशु की मालिश शुरू कर देनी चाहिए. सामान्यतः यह बेबी के जन्म लेने के बाद 15 दिन के अन्दर-अन्दर गिर जाती है. इसके बाद आप बेबी की मालिश शुरू कर सकते हैं.

नवजात शिशु की मालिश किस तेल से और कितनी बार करनी चाहिए?

नवजात शिशु की मालिश के लिए आप जैतून, बादाम, नारियल का तेल, तिल का तेल या सरसों का तेल भी प्रयोग कर सकते हैं.

बच्चे की मालिश रोज दो वक़्त यानि सुबह-शाम अवश्य करनी चाहिए. सुबह के वक़्त आप या तो बेबी को नहलाने से एक घंटा पहले मालिश कर लीजिए या फिर आप बेबी को नहलाने के बाद भी उसकी मालिश कर सकते हैं. धूप में बच्चे की मालिश करना सबसे बेहतर है. रात को सोने से पहले भी बेबी की मालिश करना जरूरी है.

कम से कम एक साल का होने तक बच्चे की मालिश जरूर करें. उसके बाद यदि बच्चा comfortable है तो आप उसकी मालिश 3 साल तक भी कर सकते हैं.

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नवजात शिशु की मालिश के तरीके

नवजात शिशु की मालिश के तरीके
  1. मालिश शुरू करने से पहले बेड पर या जमीन पर नर्म तौलिया बिछा दें, क्योंकि यह बच्चे के शरीर से अतिरिक्त तेल को सोख लेता है.
  2. मालिश हमेंशा नीचे से ऊपर की ओर करनी चाहिए, क्योंकि इससे खून का दौरा दिल की तरफ जाता है. हाथ पैरों पर मालिश नीचे से ऊपर की और करें. सबसे पहले अपनी हथेलियों पर तेल लगाकर बच्चे के तलवों पर मालिश करें और फिर टांगों की मालिश करें.
  3. अपने दोनों हाथों को बच्चे के सीने के बीच रखकर दोनों दिशाओं में दिल बनाते हुए छाती की मालिश करें.
  4. इसके बाद बच्चे के पेट की मालिश बहुत ही हल्के हाथों से करें.
  5. फिर बच्चे के चेहरे व सिर की मालिश करें.
  6. इसके बाद बच्चे की पीठ, कमर व कंधों की भी मालिश करें.
  7. यदि आप बच्चे की मालिश सही तरीके से करें तो बच्चा मालिश को enjoy करता है. बच्चे प्यार की भाषा समझते हैं इसलिए, मालिश करते समय बच्चे के साथ प्यार से बातें भी करें.

शिशु की मालिश करते समय सावधानियां

  1. मालिश के लिए कोई भी तेल use करने से पहले इसे बच्चे की स्किन पर टैस्ट जरूर कर लें. ध्यान रखें कि नारियल का तेल तासीर में ठंडा होता है इसलिए बच्चे की मालिश के लिए इसका इस्तेमाल सिर्फ गर्मियों में ही करें, सर्दियों में नहीं. सरसों के तेल की तासीर गर्म होती है, अतः सर्दियों में बच्चे की मालिश सरसों के तेल से करना फायदेमंद होता है.
  2. तेल का तापमान हल्का गुनगुना होना चाहिए, हल्के हाथों से ही मालिश करें.
  3. मालिश करते समय कमरे का तापमान सामान्य होना चाहिए. कहीं से भी बच्चे को हवा ना लगने दें. पंखा, कूलर आदि ना चलाएं.
  4. मालिश करते समय सफाई का विशेष ध्यान रखें. मालिश करने वाले के हाथ साफ़ धुले हुए हो और नाखून कटे हुए होने चाहिए साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि बेबी की मालिश करने वाले ने अपने हाथों में ऐसी कोई भी नुकीली चीज ना पहनी हो जिससे बेबी की स्किन पर चुभने का ख़तरा हो.
  5. नवजात शिशु के सिर पर जो तालू होता है ये बहुत ही नाजुक हिस्सा होता है इसलिए, उसे हाथ से ना दबाएं, ना ही जोर से मालिश करें, इस पर खूब तेल डालकर रखें, इससे सिर की हड्डियां जल्दी से मजबूत होती हैं.
  6. बच्चे की अम्बलिकल कॉर्ड (नाल) का ख़ास ध्यान रखें, इसे गीला ना होने दें अन्यथा इस पर इन्फेक्शन हो सकता है.
  7. बुखार आने पर या टीकाकरण के तुरंत बाद भी दो-तीन दिन तक बच्चे की मालिश ना करें.
  8. मालिश और खाने के बीच करीब एक घंटे का गैप होना चाहिए. बच्चे को खाना खिलाने के या दूध पिलाने के तुरंत बाद मालिश करने की गलती कभी ना करें क्योंकि, यदि आप खाने के तुरंत बाद बच्चे की मालिश करते हैं तो इससे बच्चे को उल्टी हो सकती है.

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बेबी की मालिश के फायदे

  1. रोज मालिश करने से बच्चे की मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं और साथ ही उनके शरीर को आराम भी मिलता है.
  2. मालिश करने के बाद बच्चे की सारी थकान मिट जाती है, बच्चा काफी रिलैक्स महसूस करता है और इसके बाद उसे बहुत अच्छी नींद आती है.
  3. सर्दियों में सरसों के तेल की मालिश करने से बच्चे को गर्माहट मिलती है और बच्चा सर्दी, खांसी, जुखाम से भी सुरक्षित रहता है.
  4. मालिश करने से बच्चों की त्वचा में नमी बरकरार रहती है और रूखापन दूर होता है.
  5. सही तरीके से मालिश करने से पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से होता है.
  6. बच्चे का शारीरिक विकास भी मालिश पर निर्भर करता है. वह हाथ-पैर जल्दी चलाना सीख जाता है.
  7. मालिश करने के बाद बच्चे को भूख लगती है और उसकी इम्यूनिटी भी मजबूत होती है.
  8. मालिश के दौरान पेट व पीठ की exersise करने से बच्चे में पाचन व गैस की समस्या दूर होती है.
  9. मालिश से बच्चे की स्किन में निखार आता है.
  10. मालिश करते समय मां और बच्चे के बीच बहुत अच्छी bonding बन जाती है और बच्चा मानसिक रूप से भी मजबूत बनता है.

सर्दियों में नवजात शिशु की मालिश के लिए तेल

ठंड के मौसम में छोटे बच्चे अक्सर सर्दी, जुखाम, खांसी और छाती में कफ़ जमा हो जाने से परेशान रहते हैं. ऐसे में उन्हें इन परेशानियों से बचाने के लिए आप एक ख़ास तरह का तेल बनाकर रख सकते हैं जो पूरी सर्दी में आपके बच्चे को बीमारियों से बचाए रखने में मदत करेगा.

सर्दियों के मौसम में सरसों के तेल की मालिश बच्चे को बहुत आराम देती है. बच्चों को सर्दी, जुखाम या खांसी से बचाने के लिए आप एक ख़ास तेल तैयार करें जिसे आप घर पर आसानी से तैयार कर सकते है.

एक बर्तन में एक कटोरी सरसों का तेल गर्म करें, इसमें 4 से 5 लहसुन की कलियों को छोटा-छोटा काटकर डालें, फिर एक चम्मच अजवाइन, एक चम्मच मेथी दाना डालकर खूब पकाएं. जब ये पक जाए तो इसे ठंडा करके छन्नी से छानकर कांच के जार में डालें और स्टोर करके रखें.

जब भी बच्चे को कोल्ड हो तो रात को सोने से पहले इसे हल्का गुनगुना करके बच्चे की छाती, पीठ और पैरों के तलवों पर लगाएं. इसे लगाने के बाद बच्चे को बिल्कुल भी हवा नहीं लगनी चाहिए इसलिए बच्चे को अच्छी तरह से ढककर रखें. इस तेल का प्रयोग यदि आप पूरी सर्दी के दौरान कम से कम दो वक़्त करेंगे तो बच्चे का सर्दी, जुखाम बिल्कुल ठीक हो जायेगा.