प्रेगनेंसी में आइसक्रीम – Ice cream in Pregnancy

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क्या प्रेगनेंसी में आइसक्रीम खाना सेफ है?

अक्सर ये देखा गया है कि प्रेगनेंसी के समय गर्भवती महिलाओं का आइसक्रीम खाने का बड़ा मन करता है और महिलाएं इसके फायदे-नुक्सान जाने बिना ही बेहिचक खूब सारी आइसक्रीम खा भी लेती हैं. तो आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि क्या प्रेगनेंसी में आइसक्रीम खाना सेफ है?

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के हार्मोन्स में कई तरह के बदलाव होते हैं. इस दौरान मूड स्विंग्स और फ़ूड क्रेविंग्स होना आम बात है. इस दौरान मां बनने वाली महिला के मुंह का स्वाद भी बदल जाता है. जो चीज़ें प्रेगनेंसी से पहले महिला को पसंद नहीं होती हैं प्रेगनेंसी के बाद उन्हीं चीज़ों को खाने का मन करता है और कभी-कभी जो चीज़ें पहले पसंद होती थीं अब उन्हें खाने का मन नहीं करता है.

आइसक्रीम भी एक ऐसी चीज़ है जिसे खाने के लिए प्रेगनेंट महिलाएं उत्सुक रहती हैं. महीने में एक या दो बार आइसक्रीम खाना तो ठीक है लेकिन आइसक्रीम का अत्यधिक सेवन करना आपके व आपके होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

आइसक्रीम खाने से पहले आपको इसके बारे में ये पता भी होना चाहिए कि प्रेगनेंसी के दौरान इसका सेवन करना आपके लिए कितना सुरक्षित है. इसे खाना सुरक्षित है भी या नहीं और यदि आप आइसक्रीम खा रही हैं तो आपको ये कितनी मात्रा में खानी चाहिए.

क्या प्रेगनेंसी में आइसक्रीम खाना सेफ है?

आइसक्रीम दूध और क्रीम से मिलकर बनती है इसलिए इसके सेवन से आपको प्रोटीन और कैल्शियम दोनों मिलता है. लेकिन यदि दूध पास्चराइड नहीं है तो आइसक्रीम के सेवन से आपको इन्फैक्शन का ख़तरा हो सकता है.

प्रेगनेंसी में आइसक्रीम खाने से पहले ध्यान देने योग्य बातें:

  • आइसक्रीम दूध और क्रीम से बनती है और इनमें बैक्टीरिया का संक्रमण फैलने की संभावना बहुत अधिक रहती है.
  • आइसक्रीम शक्कर का भंडार होती है. इसमें शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है और प्रेगनेंसी में शुगर का अत्यधिक सेवन करना सही नहीं रहता है. इसलिए यदि गर्भवती महिला पहले से ही शुगर से ग्रसित है तो ऐसे में उन्हें आइसक्रीम का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • आइसक्रीम में कैलोरी भी अत्यधिक मात्रा में होती है. अतः इसके अत्यधिक सेवन से गर्भावस्था के दौरान आपका वजन सामान्य से अधिक बढ़ सकता है और डिलीवरी के समय दिक्कत आ सकती है.
  • आइसक्रीम से सीने में जलन की शिकायत हो सकती है.
  • आइसक्रीम में लिस्टीरिया नामक बैक्टीरिया के संक्रमण की संभावना बहुत अधिक होती है जो कि उस बॉक्स के द्वारा आइसक्रीम में आ जाता है जिसमें ये रखी जाती हैं. इसलिए आइसक्रीम ऐसी ही दुकान से खरीदें जहाँ पर साफ़-सफ़ाई का विशेष ध्यान रखा जाता हो. बेहतर होगा कि आप घर पर ही स्वयं आइसक्रीम बनाकर खाएं. इससे किसी तरह के संक्रमण का ख़तरा नहीं रहेगा.
  • बाहर की खुली हुई आइसक्रीम न खाएं. अच्छी तरह से सील पैक्ड आइसक्रीम ही खाएं. आइसक्रीम हमेंशा साफ़ जगह से और अच्छी क्वालिटी वाली ही ख़रीदें.
  • आइसक्रीम के अधिक सेवन से गले में इन्फैक्शन हो सकता है.
  • यदि मां बनने वाली स्त्री को दूध और शक्कर से एलर्जी है तो फिर उन्हें आइसक्रीम से परहेज करना चाहिए.
  • रात को सोने से पहले आइसक्रीम खाना अवॉयड करें क्योंकि रात के समय इसके सेवन से हो सकता है कि आपको अच्छी नींद न आये.
  • आइसक्रीम में मौजूद अधिक कैलोरी जेस्टेशनल डाइबिटीज़ का कारण बन सकती है. जिस वजह से प्रीमिच्योर डिलीवरी और बच्चे में मोटापा का ख़तरा बढ़ सकता है.
  • कोई भी चीज़ लिमिट में खाई जाए तो कोई हर्ज़ नहीं इसलिए आइसक्रीम खाने से घबराएं नहीं लेकिन इसे अपनी आदत भी न बनाएं. हर बार मूड स्विंग्स या क्रेविंग्स की वजह से आइसक्रीम खाना जच्चा और बच्चा दोनों की ही सेहत के लिए ठीक नहीं है.
  • आइसक्रीम की जगह आप फ्रेश फ्रूट का शेक बनाकर इसमें नट्स आदि मिलाकर इसका सेवन कर सकती हैं.