मिसकैरेज यानि गर्भपात क्या है ?
मिसकैरेज यानि की गर्भपात का अर्थ है भ्रूण की गर्भ में ही मृत्यु हो जाना. मेडिकल की भाषा में इसे ‘प्रेगनेंसी लॉस’ भी कहते हैं. आज हम आपको गर्भपात के लक्षण और कारण क्या हैं इस विषय में पूरी जानकारी देने वाले हैं इसलिए इस पोस्ट को अंत तक ध्यान से ज़रूर पढ़ियेगा.
यदि प्रेगनेंसी के 12वें सप्ताह से पहले ही गर्भ में भ्रूण की मृत्यु हो जाये तो इसे ‘प्रारंभिक गर्भपात’ कहते हैं लेकिन यदि प्रेगनेंसी के तीन माह बाद गर्भपात हो तो इसे लेट मिसकैरेज या ‘स्टिलबर्थ’ (still birth) कहते हैं.
एक हेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में कम से कम 30% प्रेगनेंसी गर्भपात के कारण ख़त्म हो जाती हैं और यह गर्भपात अधिकतर गर्भावस्था के पहले 12 हफ़्तों में ही हो जाता है. किसी भी महिला के जीवन में गर्भपात एक बहुत ही दुखद स्थिति होती है जिससे उबरने में महिला को काफ़ी समय लग जाता है.
गर्भपात जितना शारीरिक रूप से तकलीफदायक होता है उससे कई ज्यादा यह भावनात्मक रूप से महिला को तकलीफ देता है और उन्हें मानसिक रूप से कमज़ोर बना देता है.
अतः ऐसे में पूरे परिवार का ये फ़र्ज़ बनता है कि इस स्थिति से उबरने में महिला की पूरी मदत करें ताकि वह इस सदमे से जल्द से जल्द उबर सके. कुछ महिलाओं को तो गर्भपात का यह दर्द बार-बार सहना पड़ता है.
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गर्भपात के लक्षण

कभी-कभी प्रेगनेंट महिला को अपनी प्रेगनेंसी का पता भी देर से चलता है और कई बार तो वे ये भी नहीं समझ पाती हैं कि उनका गर्भपात हो चुका है.
नीचे कुछ गर्भपात के लक्षण बताए गए हैं जिन्हें देखकर आप ये समझ सकती हैं कि आपका गर्भपात होने वाला है या फिर हो चुका है.
गर्भावस्था की पहली तिमाही में योनि से रक्त स्राव होना
गर्भपात का पहला लक्षण है, गर्भावस्था के पहले ट्राइमेस्टर अर्थात् पहली तिमाही में योनि से रक्त स्राव होना. इसमें आपको स्पॉटिंग, खून के थक्के या अधिक रक्त स्राव हो सकता है. यह रक्त भूरे या गहरे लाल रंग का हो सकता है. इस बात का विशेष ध्यान रखिए कि हर प्रकार की ब्लीडिंग का मतलब मिसकैरेज नहीं होता है. यदि आपको बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है और साथ ही टिश्यू या clots भी आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाइए.
पेट में दर्द या एंठन होना
पेट के निचले हिस्से यानि की पेडू में ऐंठन या मरोड़ जैसा दर्द होना. यह दर्द पीरियड के समय होने वाले दर्द जैसा या कभी-कभी उससे भी तेज दर्द हो सकता है.
पीठ में असहनीय दर्द होना
प्रेगनेंसी के दौरान वैसे तो कभी-कभी पीठ दर्द होता है लेकिन जब यह दर्द असहनीय हो जाये तो आपको अपने डॉक्टर को दिखाने में बिल्कुल भी देर नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह दर्द आपके गर्भपात का संकेत हो सकता है.
प्रेगनेंसी वाले लक्षण अचानक से गायब हो जाना
प्रेगनेंसी वाले लक्षण अचानक से गायब हो जाना, जैसे- प्रेगनेंसी के समय प्रेगनेंट महिला के स्तन टाइट हो जाते हैं, इनमें दर्द होने लगता है और उनका आकार भी बढ़ने लगता है, लेकिन स्तन का ढीला पड़ जाना गर्भपात का लक्षण हो सकता है. यदि उल्टी, मतली आना भी बंद हो जाये तो यह भी गर्भपात का संकेत हो सकता है.
गर्भ में शिशु की हलचल का बंद हो जाना
पांचवे महीने के बाद गर्भ में शिशु हलचल करना शुरू कर देता है, लेकिन यदि आपके शिशु ने अचानक से हलचल करना बंद कर दिया है तो गर्भपात की संभावना हो सकती है. इसी प्रकार गर्भावस्था के छठें महीने में गर्भ में पल रहे शिशु की धड़कन सुनाई देने लगती है लेकिन यदि यह ना सुनाई दे तो हो सकता है कि आपका गर्भपात हो गया हो.
गर्भवती महिला के वजन में कमी आना
गर्भपात का एक लक्षण है, अचानक से गर्भवती महिला के वजन में कमी आना. गर्भावस्था के समय महिला के वजन में निरंतर वृद्धि होनी चाहिए लेकिन जब वजन बढ़ने की बजाय कम होने लगे तो आपको डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए.
गर्भपात के कारण
गर्भपात कई कारणों से हो सकता है लेकिन यहां कुछ संभावित कारण दिए गये हैं जिनके बारे में हर गर्भवती महिला को पता होना चाहिए, जिससे महिला पहले से ही सावधानी बरते और अपना ध्यान रखें.
गर्भवती महिला के शरीर में हार्मोन्स का असंतुलन
गर्भपात होने का मुख्य कारण है गर्भवती महिला के शरीर में हार्मोन्स का असंतुलन. कई बार गर्भवती महिला के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन्स पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाते हैं जो कि प्रेगनेंसी के लिए बहुत ही जरूरी माने जाते हैं. इसलिए महिला का प्रारंभिक अवस्था में ही गर्भपात हो जाता है. इसी तरह एस्ट्रोजन नामक हार्मोन की अधिकता के कारण भी गर्भपात हो सकता है.
गर्भावस्था के दौरान असावधानी बरतना
कभी-कभी कुछ असावधानियों के कारण भ्रूण की गर्भ में ही मृत्यु हो जाती है, जैसे- गर्भावस्था के दौरान भारी वजन उठाना, कभी पेट में जोर का झटका लगने से, लगातार खड़े रहने से, आराम ना करने से, अधिक सीढियां चढ़ने से, ज्यादा सफ़र करने से, पेट में दबाव पड़ने से, गर्म तासीर वाली चीज़ें खाने से गर्भपात हो जाता है.
भ्रूण का पूर्ण रूप से विकसित न होना
कभी-कभी शारीरिक कमजोरी के कारण भ्रूण सामान्य रूप से विकसित नहीं हो पाता है. यदि अंडे या स्पर्म की क्वालिटी अच्छी नहीं है तो भी भ्रूण सही से विकसित नही हो पाता और इस कारण गर्भपात होने का खतरा बना रहता है.
गर्भावस्था के समय गलत दवाओं का सेवन करना
गलत दवाओं के सेवन से भी गर्भपात होने की संभावना रहती है. अक्सर महिलाएं किसी भी प्रकार का दर्द होने पर बिना डॉक्टर से पूछे स्वयं ही दर्द निवारक दवाओं का सेवन कर लेती हैं या फिर कभी ऐसा भी होता है कि डॉक्टर को अपनी प्रेगनेंसी के बारे में बताए बिना ही आप अन्य किसी दूसरी बीमारी की भी दवाई ले रही हैं तो यह आपके गर्भपात का कारण बन सकता है. इसलिए किसी भी बीमारी के इलाज के लिए जब भी आप किसी डॉक्टर के पास जाती हैं तो उन्हें सबसे पहले अपनी प्रेगनेंसी के बारे में ज़रूर बताएं.
प्लेसेंटा प्रीविया की पोजिशन गलत होना
प्लेसेंटा प्रिविआ की स्थिति भी गर्भावस्था को प्रभावित करती है. जब गर्भनाल या प्लेसेंटा जो कि बच्चे के विकास में अहम् रोल निभाता है, ठीक गर्भाशय के मुंह पर स्थित हो जाता है तो यह स्थिति महिला के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. अगर गर्भावस्था के अंतिम दौर में भी प्लेसेंटा नीचे की तरफ़ ही रहता है तो यह मिसकैरेज का कारण बन सकता है.
एल्कोहल, धूम्रपान तथा ड्रग्स का सेवन करना
गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक मात्रा में नशीले पदार्थों का सेवन करना गर्भपात के ख़तरे को उत्पन्न कर सकता है. एल्कोहल, धूम्रपान या ड्रग्स के सेवन का भ्रूण पर बहुत बुरा असर पड़ता है और इससे आपका मिसकैरेज हो सकता है.
गर्भपात होने के कुछ और अन्य कारण
ऊपर दिए गये कारणों के अतिरिक्त गर्भपात होने के कुछ और भी कारण हो सकते हैं:
- वेजाइना में किसी भी तरह का संक्रमण
- आनुवांशिक कारण
- गर्भवती महिला को थायराइड, शुगर, उच्च रक्तचाप या अस्थमा होना
- बच्चेदानी में खराबी, बच्चेदानी का मुंह छोटा होना, इसमें बार-बार संक्रमण या रसौली
- शरीर में पोषक तत्वों और पर्याप्त पानी की कमी होना
- प्रेगनेंसी के शुरू के तीन महीनों में बहुत अधिक तनाव लेना
- खराब लाइफस्टाइल और पर्याप्त नींद ना लेना
- जो महिलाएं 35 वर्ष से अधिक उम्र में गर्भ धारण करती हैं और जिनका इससे पहले भी कभी गर्भपात हो चुका है उनमें मिसकैरेज होने की संभावना अधिक होती है.
- बहुत अधिक मात्रा में कॉफ़ी व कैफ़ीन लेना
- प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा भागदौड़ या ज्यादा सफ़र करना
- गर्भाशय ग्रीवा का कमजोर होना
- प्रेगनेंट महिला के साथ आकस्मिक कोई दुर्घटना हो जाना या चोट लग जाना
- डॉक्टर से समय पर जाँच ना करवाना
- किसी भी प्रकार का रेडिएशन गर्भपात का कारण बन सकता है.
गर्भपात से जुड़े कुछ सवाल-जवाब
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गर्भपात क्यों होता है?
अधिकतर गर्भपात सही भ्रूण न बनने की वजह से होते हैं. कभी-कभी conception के दौरान या उसके बाद होने वाली किसी गड़बड़ से भ्रूण का विकास ही नहीं हो पाता है.
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क्या पर्यावरण प्रदूषण से भी गर्भपात हो सकता है?
जी हां, पर्यावरण प्रदूषण के कारण भी गर्भपात हो सकता है.
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कौन से फल खाने से गर्भपात हो सकता है?
प्रेगनेंसी की शुरुआत में आपको पपीता और अनानास खाने से बचना चाहिए क्योंकि पपीता में लेटेक्स और अनानास में ब्रोमेलीन नामक तत्व मौजूद होता है जो कि गर्भपात के लिए ज़िम्मेदार होता है. अतः प्रेगनेंसी में आपको इसके अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए.
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गर्भपात कितने प्रकार का होता है?
गर्भपात विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं जैसे:- मिस्ड गर्भपात, अधूरा गर्भपात, पूर्ण गर्भपात और अपरिहार्य गर्भपात
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प्राकृतिक गर्भपात क्या होता है?
यदि किसी महिला का गर्भावस्था के शुरुआत में ही गर्भपात हो जाता है, तो भ्रूण की मृत्यु के एक हफ्ते के भीतर वह अपने आप ही योनि मार्ग से बाहर निकल जाता है. इस तरह के गर्भपात को ही प्राकृतिक गर्भपात कहते हैं.
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क्या गर्भपात के बाद दोबारा से गर्भवती होना संभव है?
कुछ लोग यह मानते हैं कि गर्भपात के बाद दोबारा गर्भवती होना मुश्किल है लेकिन, यह बिल्कुल गलत है. यदि गर्भपात के बाद महिला की सही से देखभाल की जाए तो वह फिर से गर्भवती हो सकती है और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म भी दे सकती है.
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क्या गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से गर्भपात होता है?
जी नहीं, गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से गर्भपात नहीं होता है लेकिन गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संबंध बनाते समय आपको सेक्स पोजिशन पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए.
यदि आपका एक से अधिक बार गर्भपात हो चुका है तो फिर आपको गर्भावस्था के समय सेक्स करने से परहेज करना चाहिए. यह आपके बच्चे की सुरक्षा के लिए अति आवश्यक है.