मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभाव – 10 Harmful effects of Mobile Radiation

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मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभाव - Side effects of Mobile Phone

मोबाइल फोन आपकी और हमारी ज़िंदगी को आसान बनाने के लिए बनाए गए हैं लेकिन, जब यही फोन आपकी जान के दुश्मन बन जाए तो ये सही नहीं है. आज के ब्लॉग में हम जानेंगे मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभाव के बारे में.

सार्वजनिक जगह पर भी अधिकतर लोग मोबाइल फोन पर समय बिताना ज्यादा पसंद करते हैं और आजकल ये अशिष्ट व्यवहार भी नहीं माना जाता. हर वक़्त, हर जगह लोग अपने मोबाइल फोन पर ही नज़रे गढ़ाए बैठे रहते हैं.

मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभाव क्या हैं?

1डिजिटल प्रदूषण

आज के दौर में मोबाइल फोन और इसकी एप्लीकेशन्स ने हमारी ज़िंदगी को काफ़ी आसान तो बना दिया है लेकिन ज़रुरत से ज्यादा इसका प्रयोग करने से डिजिटल प्रदूषण भी बढ़ रहा है.

2मोबाइल एडिक्शन

लोग धीरे-धीरे अपने मोबाइल फोन की पांच इंच की स्क्रीन के ग़ुलाम होते जा रहे हैं. मनोवैज्ञानिकों का ये मानना है कि, मोबाइल फोन की लत भी आपके लिए उतनी ही ख़तरनाक है जितनी कि नशे या ड्रग्स की लत.

3ब्रेन ट्यूमर और कैंसर का ख़तरा

मोबाइल फोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमेग्नेटिक तरंगों से कैंसर और ब्रेन ट्यूमर का ख़तरा रहता है और एक रिसर्च के अनुसार, 10 साल से ज्यादा समय तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से ब्रेन ट्यूमर का ख़तरा 33% तक बढ़ जाता है.

लंबे समय तक मोबाइल फोन के संपर्क में रहने से हमारे शरीर की कोशिकाओं पर इसका बुरा असर पड़ता है और मोबाइल फोन या मोबाइल टावर दोनों से निकलने वाला रेडिएशन कैंसर का कारण बन सकता है.

4Smartphone Blindness

यदि आप सोने से पहले रात के अंधेरे में अपने स्मार्टफोन की स्क्रीन को डार्क रखकर उसका बहुत देर तक इस्तेमाल करते हैं तो आप स्मार्टफोन ब्लाइंडनेस के शिकार हो सकते हैं. यानि की स्मार्टफोन की ब्राईट स्क्रीन आपको अंधा भी बना सकती है.

डॉक्टर्स के रिसर्च के अनुसार, जब कोई व्यक्ति अंधेरे में मोबाइल फोन से निकलने वाली आर्टिफिशियल रौशनी की तरफ़ बहुत देर तक लगातार देखता रहता है तब उसे उस आँख से दिखाई देना बंद हो जाता है.

अंधेरे में आधे घंटे से ज्यादा स्मार्टफोन के इस्तेमाल से आंखें ड्राई होने लगती हैं और इसका आपकी आंखों के रेटिना पर बहुत बुरा असर पड़ता है.

इसलिए ज्यादा देर तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने से बचें. स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते समय उसकी स्क्रीन की ब्राईटनेस को बिल्कुल ख़त्म कर दें या तो बिल्कुल कम कर दें.

5याददाश्त और सुनने की शक्ति को प्रभावित करता है

मोबाइल फोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमेग्नेटिक तरंगे आपकी याददाश्त व सुनने की शक्ति को भी प्रभावित करती हैं.

कुछ लोगों को सोते समय तकिये के नीचे अपना मोबाइल फोन रखने की बुरी आदत होती है. जिससे आपके दिमाग व याददाश्त पर बहुत बुरा असर पड़ता है.

लगातार फोन पर बात करने से आपके दिमाग का तापमान बढ़ जाता है ये आपके लिए बहुत खतरनाक है.

6मोबाइल का रेडिएशन नपुंसकता को बढ़ाता है

हर वक़्त पैंट की जेब में फोन रखने से इससे निकलने वाला रेडिएशन आपके स्पर्म काउंट को कम कर सकता है और नपुंसकता बढ़ा सकता है और शर्ट की जेब में मोबाइल फोन रखने से आपके दिल पर बुरा असर पड़ता है. यहां तक कि, मोबाइल फोन का रेडिएशन आपके DNA को भी डैमेज कर सकता है.

7डिजिटल रिश्तों का ज़माना

मोबाइल फोन की आभासी दुनिया ने आज असली दुनिया, असली रिश्तों और असली दोस्तों को हमसे बहुत दूर कर दिया है. अब डिजिटल रिश्तों और डिजिटल दुनिया का ज़माना आ गया है.

आभासी दुनिया में खोए रहने के कारण अधिकतर लोगों की सोशल लाइफ़ बिल्कुल ख़त्म होती जा रही है. अब लोग मिलने से ज्यादा मोबाइल फोन पर ही बात करना, मैसेज करना या वाट्स एप करना ज्यादा पसंद करते हैं. लोग अब डिजिटल दुनिया के ग़ुलाम बनते जा रहे हैं.

8गर्भवती महिलाओं व बच्चों के लिए है ख़तरनाक

प्रेगनेंसी के दौरान मोबाइल फोन का बार-बार इस्तेमाल करना गर्भवती महिला के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है और इसका बुरा असर महिला के साथ-साथ उसके होने वाले शिशु पर भी पड़ता है.

डिलीवरी हो जाने के बाद भी यदि महिला अपने मोबाइल फोन पर ज्यादा वक़्त बिताती हैं तो इससे उनकी आंखों पर ज़ोर पड़ता है जिससे महिला को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

मोबाइल फोन का ज्यादा प्रयोग करना बच्चों के लिए भी हानिकारक है. मोबाइल फोन में ज्यादा देर तक गेम खेलने से बच्चों में गेमिंग डिसऑर्डर, चिड़चिड़ापन, बहुत जल्दी अग्रेसिव या हाइपर हो जाना, जैसी मानसिक बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं.

मोबाइल में घंटों तक बिज़ी रहने की वजह से बच्चे अपनी पढ़ाई पर अच्छी तरह से ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं. सोते समय बच्चे के सिर के आस-पास मोबाइल फोन रखने से बच्चे के दिमाग पर इसका बहुत बुरा असर पड़ता है.

9अनिद्रा की समस्या

जो लोग मोबाइल फोन में देर रात तक बिज़ी रहते हैं उन्हें अनिद्रा यानि की नींद ना आने की समस्या सबसे ज्यादा होती है.

नींद पूरी न होने की वजह से आपको सिरदर्द का भी सामना करना पड़ता है और अपने काम में ध्यान नहीं लग पाता है. आप अपने काम पर concentrate ही नहीं कर पाते हैं, जिसका ख़ामियाज़ा आपको बाद में भुगतना पड़ता है.

10समय की बर्बादी

समय सबसे कीमती चीज़ होती है लेकिन, मोबाइल फोन में घंटों बिताने से आपको ये पता ही नहीं लगता कि आपने अपना कितना समय बर्बाद कर दिया है.

चाहे चैटिंग हो, या गेमिंग, फेसबुक हो या वाट्स एप, इन सबमें आप कुछ इस तरह से खो जाते हैं कि समय का ध्यान ही नहीं रहता और जो ज़रूरी काम आपको करने थे वो आप करते ही नहीं.

दोस्तों, तकनीक का इस्तेमाल ज़रूर कीजिए लेकिन, तकनीक के ग़ुलाम मत बनिए. ज़रुरत से ज्यादा मोबाइल फोन का इस्तेमाल ना करके कभी-कभी ख़ुद को मोबाइल फोन ब्रेक देना भी सीखिए. स्मार्टफोन की स्क्रीन में अपनी ज़िंदगी को कैद मत होने दीजिए. आपके मोबाइल फोन के अलावा भी बहुत कुछ है ज़िंदगी में.