गिलोय के फायदे – Top 12 Health Benefits of Giloy

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गिलोय के फायदे - Health Benefits of Giloy

हमारा देश भारतवर्ष प्राचीनकाल से ही अनेक जड़ी-बूटियों और आयुर्वेदिक औषधियों से संपन्न रहा है. यहां पर ऐसी-ऐसी औषधियां पाई जाती हैं जो हर बीमारी के उपचार में काम आती हैं. तो आज इस लेख में हम ऐसी ही एक औषधि गिलोय के फायदे के बारे में जानेंगे.

जब कोई भी एलोपैथिक दवा काम नहीं आती तब इन आयुर्वेदिक औषधियों का ही सहारा लिया जाता है और ये औषधियां न केवल बीमारी का इलाज करती हैं बल्कि बीमारी को जड़ से ख़त्म करने में भी सक्षम होती हैं.

इसीलिये इनके अपार व चमत्कारी गुणों को देखते हुए भारत ही नहीं बल्कि देश-विदेशों में भी इनका ख़ूब प्रचार-प्रसार और इस्तेमाल हो रहा है. इन्हीं आयुर्वेदिक औषधियों में से एक है ‘गिलोय’. गिलोय भारत के लगभग सभी स्थानों पर पाई जाती है.

कोरोनाकाल में जब लोगों के पास कोरोना वायरस से बचने की न कोई दवा मौजूद थी और न ही कोई वैक्सीन बनी थी तब लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर उनका जीवन बचाने में इस अद्भुत चमत्कारी गिलोय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

विषय - सूची

गिलोय का पौधा कैसा होता है?– Giloy Ka Paudha Kaisa Hota Hai?

गिलोय को अमृता, अमृतवल्ली, अमृतबेल, गुलबेल और गुडूची आदि नामों से भी जाना जाता है. अमृतवल्ली का अर्थ है ‘कभी न सूखने वाली बेल’. गिलोय का पौधा दरअसल एक बेल की तरह दिखाई देता है.

यह बेल नीम, आम या किसी भी पेड़ पर चढ़कर फ़ैल जाती है. गिलोय का तना देखने में रस्सी जैसा लगता है और इसके पत्ते कोमल व पान के आकार के होते हैं. गिलोय के फल मटर के दाने जैसे गोल या अंडाकार दिखाई देते हैं.

गिलोय की बेल कैसी होती है?

गिलोय में यह ख़ास गुण पाया जाता है कि इसकी बेल जिस भी पेड़ पर चढ़ती है यह उस पेड़ के गुणों को भी अपना लेती है. इसीलिए कहा जाता है कि नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय औषधि के रूप में सर्वोत्तम होती है. इसे ‘नीम गिलोय’ भी कहा जाता है. आयुर्वेद में तो ‘नीम गिलोय’ का विशेष महत्त्व है.

घरेलू इस्तेमाल के लिए और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए गिलोय की बेल को घर में उगाना सबसे आसान और अच्छा उपाय है. इसके लिए आपको सिर्फ गिलोय की ताजा डंडियों को गमले में बोना है और फिर यह एक बड़ी बेल के रूप में विकसित होने लगती है.

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गिलोय के फायदे क्या-क्या हैं? – Giloy Ke Fayde Kya Hain?

आयुर्वेदिक ग्रंथों में गिलोय के बहुत सारे लाभ बताए गए हैं. किसी भी बीमारी के उपचार हेतु गिलोय की पत्तियों, जड़ों, छाल और तना सभी का उपयोग किया जाता है लेकिन खासकर गिलोय के पत्ते और गिलोय का तना या डंठल सबसे अधिक उपयोग में लाया जाता है. गिलोय के फायदे जानने के लिए पूरा आर्टिकल ध्यान से ज़रूर पढ़िए.

गिलोय रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

आज के ज़माने में अक्सर लोग अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए तरह-तरह की एलोपैथिक दवाओं का सहारा लेते हैं जबकि हमारे आयुर्वेद में इम्यूनिटी को बढ़ाने का सस्ता और नैचुरल उपाय बहुत पहले से ही मौजूद है और वह उपाय है गिलोय का सेवन.

हेल्थ एक्सपर्ट भी यह दावा करते हैं कि गिलोय की पत्तियों या तने को पानी में उबालकर पीने से इम्यूनिटी बढ़ाई जा सकती है. गिलोय की पत्तियों में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, जिंक और फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है और इसके तने में स्टार्च की मात्रा होती है.

गिलोय की पत्तियों या तने द्वारा तैयार किया गया जूस इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए एक पावरफुल ड्रिंक का काम करता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. आज मेडिकल साइंस में भी गिलोय को एक बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है.

शुगर में गिलोय के फायदे

गिलोय टाइप-2 डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में असरदार भूमिका निभाती है. गिलोय का जूस ब्लड शुगर को कम करके शरीर में इंसुलिन का स्राव बढ़ाता है. इस प्रकार गिलोय शुगर के मरीज़ के लिए बहुत ही लाभदायक औषधि है. डायबिटीज़ के उपचार के लिए गिलोय का जूस पीना या आधा चम्मच गिलोय के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर पीना फायदेमंद होता है.

डेंगू व मलेरिया में गिलोय के फायदे

डेंगू और मलेरिया होने पर इसके इलाज में गिलोय को औषधि के रूप में उपयोग करना एक बेहतरीन उपाय है. डेंगू व मलेरिया के मरीज़ को बहुत तेज बुखार आते हैं.

गिलोय में मौजूद एंटी-वायरल गुण डेंगू, मलेरिया के बुखार को कम करने में मदद करते हैं. इसके साथ ही गिलोय डेंगू, मलेरिया के रोगी के लिए इम्यूनिटी बूस्टर की तरह काम काम करती है.

डेंगू में बड़ी तेजी से रोगी के शरीर में प्लेटलेट्स कम होने लगती हैं. डेंगू के दौरान गिलोय का नियमित सेवन प्लेटलेट्स की संख्या को तेजी से बढ़ाने में सहायक होता है.

पीलिया में गिलोय के फायदे

गिलोय की पत्तियां पीलिया रोग में फायदेमंद होती हैं. गिलोय की पात्तियों को पीसकर इसका रस पीने से या इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर पीने से पीलिया रोग के उपचार में लाभ मिलता है.

गिलोय पीलिया के इलाज के लिए इतनी चमत्कारी औषधि है कि एक गिलास मट्ठे में गिलोय के पत्तों का रस मिलाकर सुबह-शाम पीने से पीलिया ठीक हो जाता है.

कई बीमारियों में है फायदेमंद

गिलोय में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेट्री, एंटी-एलर्जिक और कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं इसलिए इन गुणों के कारण ही यह कई सारी बीमारियों जैसे: शुगर, मलेरिया, डेंगू, गठिया, कब्ज, एसिडिटी, स्वाइन फ्लू, कोविड-19 आदि बीमारियों के उपचार में आराम देती है.

गिलोय ऐसी औषधि है जो वात, पित्त और कफ़ तीनों का इलाज करती है और हानिकारक टॉक्सिंस को शरीर से बाहर निकालती है.

सर्दी, बुखार, खांसी व जुखाम में फायदेमंद

गिलोय का इस्तेमाल सर्दी, बुखार, खांसी व जुखाम आदि के उपचार में भी किया जाता है. यदि आपको कई दिनों से बुखार है और बुखार उतर नहीं रहा है तो गिलोय की पत्तियों का काढ़ा पीने से तुरंत फायदा होता है और बुखार में राहत मिलती है.

इसी प्रकार सर्दी, खांसी व जुखाम होने पर भी गिलोय का काढ़ा बनाकर शहद के साथ इसका सेवन करने से राहत मिलती है. गिलोय में मौजूद एंटी-एलर्जिक गुण खांसी में जल्दी आराम दिलाता है.

यदि आपके पास ताजा गिलोय उपलब्ध नहीं है तो बुखार में तुरंत आराम पाने के लिए आप दिन में दो बार गिलोय घनवटी की 1 या 2 टैबलेट ले सकते हो. मेडिकल स्टोर या पतंजलि स्टोर में आपको गिलोय की गोलियां आसानी से मिल जायेंगी.

अपच में गिलोय है लाभदायक

जो लोग पाचन सम्बन्धी समस्याओं जैसे: अपच,कब्ज और एसिडिटी से परेशान रहते हैं उन्हें गिलोय का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए. गिलोय का काढ़ा पेट की कई सारी बीमारियों को ठीक करने में लाभदायक है. इन सभी समस्याओं से बचने के लिए एक चम्मच गिलोय के चूर्ण को पानी के साथ लेने से भी फायदा पहुंचेगा.

कोविड-19 का घरेलू उपचार है गिलोय

कोविड-19 के घरेलू इलाज में गिलोय का इस्तेमाल करना आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है. जिस व्यक्ति में कोविड के लक्षण दिखाई दे रहे हैं जैसे: गले में खरास होना, सूंघने की शक्ति या महक चले जाना, बुखार आना या खांसी होना आदि.

इन सभी लक्षणों के आने पर गिलोय की पत्तियों को पानी में उबालकर इस पानी को पीना चाहिए और इस पानी से गरारे भी करने चाहिए. आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आपको असर नज़र आने लगेगा, आपका बुखार कम होने लगेगा, गले की समस्या ठीक होने लगेगी.

यदि आप भाप लेते समय भाप लेने वाले पानी में गिलोय का एक पत्ता डाल दें तो ऐसा करने से आपकी महक वापस आने लगती है.

जिन लोगों ने कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव से बचने के लिए घर पर ही आयुर्वेदिक उपचार के रूप में गिलोय का सेवन किया है उन्हें हॉस्पिटल जाने की भी ज़रुरत नहीं पड़ी है. इसलिए आप भी गिलोय को अपनी दैनिक दिनचर्या में ज़रूर शामिल करें.

एनीमिया से बचाने में सहायक है गिलोय

यदि आपका शरीर एनीमिया से पीड़ित है यानि आपके शरीर में खून की कमी है तो आपके लिए गिलोय का रस काफी फायदेमंद है.

ख़ासकर महिलाएं एनीमिया से सबसे अधिक पीड़ित रहती हैं. ऐसे में गिलोय का सेवन शरीर में खून की कमी दूर करता है. इसलिए एनीमिया से बचने के लिए रोज़ाना गिलोय को अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें.

स्किन के लिए गुणकारी है गिलोय

त्वचा संबंधी रोगों और एलर्जी को दूर करने में भी गिलोय काफी असरदार होती है. त्वचा पर निकलने वाले चकत्ते और कील-मुंहासे आदि को दूर करने के लिए गिलोय के तने से बने पेस्ट को लगाएं. यह पेस्ट प्रभावित हिस्से को ठीक करने में सहायक होता है.

गठिया में आराम दे गिलोय

एंटी-आर्थराइटिक गुण से भरपूर होने के कारण गिलोय गठिया में आराम दिलाने में कारगर है. जो लोग जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं यदि वे भी गिलोय का सेवन करें तो यह उनके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा.

गठिया में गिलोय का काढ़ा या गिलोय का जूस पीने से दर्द में आराम मिलता है.

लिवर इन्फेक्शन से बचाए गिलोय

जिन लोगों के लिवर में इन्फेक्शन हो गया हो उन्हें गिलोय द्वारा तैयार किये गए गिलोय सत्व का सेवन करना चाहिए. गिलोय सत्व लिवर के लिए टॉनिक का काम करता है, खून साफ़ करता है साथ ही लिवर को भी स्वस्थ रखता है.

गिलोय का सेवन कैसे करें? – Giloy Ka Sewan Kaise Karein?

यदि आपके घर में या घर के आस-पास गिलोय की बेल मौजूद है तो आप बेल से निकाले गए गिलोय की पत्तियों, जड़ों और तना तीनों का ही उपयोग कर सकते हैं लेकिन सभी लोगों को गिलोय की बेल उपलब्ध नहीं हो पाती है.

ऐसे में आप गिलोय सत्व, गिलोय चूर्ण और गिलोय जूस या गिलोय स्वरस का सेवन कर सकते हैं. ये सभी आपको बाज़ार में, पतंजलि स्टोर में या फिर ऑनलाइन भी बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे.

गिलोय के पत्तों या तने को पानी में उबालकर पीने से किसी भी बीमारी के उपचार में फायदा मिलता है. इसी प्रकार गिलोय की जड़ों का बारीक चूर्ण बनाकर रख लीजिए और जब भी आपको ज़रुरत हो इसका इस्तेमाल कीजिए.

गिलोय घनवटी औषधि के अदभुत फायदे

गिलोय जूस का भी सेवन ज़रूर करें

गिलोय से सम्बंधित सवाल-जवाब

  1. गिलोय का सेवन कैसे करें?

    विभिन्न बीमारियों के इलाज में गिलोय का सेवन अलग-अलग तरीके से किया जाता है. गिलोय का हर हिस्सा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.
    गिलोय के पत्ते, जड़, छाल और तना तीनों का ही उपयोग किसी भी बीमारी के इलाज हेतु किया जा सकता है.
    गिलोय के पत्तों को पानी में उबालकर या गिलोय के पत्तों की चाय बनाकर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. गिलोय के तने का पेस्ट या चूर्ण बनाकर भी इसे उपयोग में लाया जा सकता है.

  2. गिलोय किस काम आती है?

    गिलोय में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेट्री, एंटी-एलर्जिक और कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं. इन गुणों के कारण ही यह कई सारी बीमारियों जैसे: शुगर, मलेरिया, डेंगू, गठिया, कब्ज, एसिडिटी, स्वाइन फ्लू, कोविड-19 आदि बीमारियों के उपचार में आराम देती है.
    गिलोय ऐसी औषधि है जो वात, पित्त और कफ़ तीनों का इलाज करती है और हानिकारक टॉक्सिंस को शरीर से बाहर निकालती है.

  3. गिलोय का तना किस काम आता है?

    गिलोय का तना सर्दी, जुखाम या बुखार को ठीक करने के लिए काढ़ा बनाने के काम आता है. इसके अलावा त्वचा पर निकलने वाले चकत्ते और कील-मुंहासे आदि को दूर करने के लिए गिलोय के तने से बने पेस्ट को लगाने से त्वचा सम्बन्धी रोग या एलर्जी दूर होती है.

  4. गिलोय का फूल कैसा होता है?

    गिलोय के फूल गुच्छों के रूप में कोंपलों से निकलते हैं. इसके फूल पीले या हरे रंग के होते हैं.

  5. गिलोय की पहचान कैसे करें?

    गिलोय की जड़ सफ़ेद रंग की मुलायम और रसयुक्त होती है. गिलोय का तना हरा व कोमल होता है. गिलोय की पत्तियां मुलायम, गहरे हरे रंग की और पान के आकार की होती हैं.

  6. गिलोय का जूस पीने के फायदे क्या हैं?

    गिलोय का जूस डेंगू, डायबिटीज़, मलेरिया, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों के इलाज में फायदेमंद होता है.
    गिलोय की पत्तियों या तने द्वारा तैयार किया गया गिलोय का जूस इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए एक पावरफुल ड्रिंक का काम करता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है.

  7. गिलोय की लकड़ी के फायदे क्या हैं?

    गिलोय की लकड़ी को आप चाय बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि आप काढ़ा बना रहे हैं तो उसमें भी गिलोय की लकड़ी का प्रयोग करना फायदेमंद रहता है.

  8. गिलोय का फल कैसा होता है?

    गिलोय का फल मटर के दाने के समान गोल या अंडाकार होता है. गिलोय के फूल जब कच्चे होते हैं तब ये हरे रंग के और जब पक जाते हैं तब ये फल लाल रंग के हो जाते हैं.

  9. गिलोय की तासीर कैसी होती है?

    गिलोय भारत के लगभग सभी स्थानों पर पाई जाती है. गिलोय की तासीर ठंडी होती है और इसका सेवन जूस, चाय, चूर्ण या काढ़ा के रूप में किया जा सकता है.

  10. गिलोय का स्वाद कैसा होता है?

    गिलोय का स्वाद शायद आपको पसंद न आए लेकिन फिर भी आपको गिलोय का सेवन करना चाहिए, क्योंकि गिलोय का रस आपके लिए लाभदायक होता है. गिलोय का स्वाद कसैला, कड़वा और तीखा होता है.

  11. गिलोय के पत्ते कैसे होते हैं?

    गिलोय के पत्ते कोमल, चिकने व पान के आकार के होते हैं. गिलोय के पत्तों का रंग ज्यादा गाढ़ा होता है और ये पत्ते स्वाद में कसैले, कड़वे और तीखे होते हैं.