टीका लगने के बाद बुखार – Post Vaccination Fever

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टीका लगने के बाद बुखार – Post Vaccination Fever

आज के समय में सभी लोगों के मन में कोरोना वैक्सीन लगवाने का ख़याल सबसे पहले आता है और इसे लगवाने की पूरी प्रक्रिया को लेकर मन में कई सवाल उठना भी लाज़मी है. इसलिए आज की इस पोस्ट में हम बात करेंगे कि टीका लगने के बाद बुखार आने पर क्या करना चाहिए.

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क्या कोविड वैक्सीन लेना जरूरी है?

वैक्सीनेशन करवाना आपकी इच्छा पर निर्भर करता है लेकिन, कोरोना वायरस के ख़तरनाक प्रभाव को रोकने के लिए कोविड वैक्सीन लेना जरूरी है.

वैक्सीनेशन सभी के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक है.

जो लोग कोविड-19 से रिकवर हो चुके हैं, उनके लिए भी कोविड वैक्सीन लेना उतना ही जरूरी है जितना कि बाकी लोगों के लिए.

लेकिन कोविड-19 से ठीक हुए लोगों को वैक्सीन कोरोना संक्रमण से ठीक होने के 90 दिन बाद ही लगवानी है तभी यह वैक्सीन उनके लिए कारगर होगी.

कुछ लोग कोरोना से ठीक होने के बाद तुरंत ही वैक्सीन लगवा रहे हैं लेकिन आप ऐसी गलती न करें. यदि आप कोरोना से ठीक होने के बाद 90 दिन से पहले ही यह वैक्सीन लगवाते हैं तो यह आपके लिए कारगर सिद्ध नहीं होगी.

कोरोना की कौन सी वैक्सीन अधिक कारगर है?

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए अलग-अलग कंपनियों ने मिलकर मुख्यतः तीन प्रकार की वैक्सीन तैयार की हैं. जिनमें से प्रमुख हैं: कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-वी.

कोवैक्सीन एक स्वदेशी वैक्सीन है जिसका निर्माण भारत बायोटेक कंपनी और इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च ने मिलकर किया है. कोविशील्ड का निर्माण सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया ने ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्रोजन के साथ मिलकर किया है और स्पुतनिक-वी का निर्माण रूस ने किया है.

ये तीनों ही वैक्सीन कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर हैं. लेकिन फ़िलहाल हमारे देश में दो वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड का ही अधिकतर उपयोग कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु किया जा रहा है.

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों ही वैक्सीन को मंज़ूरी दी है.

ये दोनों ही वैक्सीन उन लोगों के लिए सुरक्षित मानी गई हैं जिन्हें वैक्सीनेशन से कोई एलर्जी नहीं है लेकिन उन लोगों के लिए यह सुरक्षित नहीं है जिन्हें वैक्सीनेशन से किसी भी प्रकार की कोई एलर्जी या रिएक्शन का ख़तरा हो.

ये दोनों वैक्सीन 18 साल या उससे ज्यादा की उम्र के लोगों के लिए बनाई गई है.

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कोविड-19 वैक्सीन के क्या साइडइफेक्ट्स हो सकते हैं?

वैक्सीन लगने के बाद यह ज़रूरी नहीं है कि सभी लोगों में ही इसके साइड इफेक्ट्स देखने को मिलें. कुछ लोगों में ही कोविड-19 वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स दिखाई दे रहे हैं जो कि सामान्य भी हो सकते हैं और गंभीर भी.

सामान्य साइड इफेक्ट्स

कुछ लोगों में कोविड-19 वैक्सीन के कुछ सामान्य साइड इफेक्ट्स भी नज़र आ रहे हैं जो इस प्रकार हैं:

  • माइल्ड फीवर
  • इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द होना और सूजन आना
  • मतली या उल्टी जैसा महसूस होना
  • बेचैनी महसूस होना
  • ठंड लगना
  • जोड़ों में दर्द होना
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • थकान होना
  • चक्कर आना

यदि आपको भी वैक्सीन लगने के बाद ये सामान्य लक्षण दिखाई दें तो घबराने की ज़रुरत नहीं है और न ही इसके लिए आपको हॉस्पिटल में एडमिट होने की ज़रुरत है.

गंभीर साइड इफेक्ट्स

  • सांस लेने में परेशानी होना
  • चक्कर आना या बेहोश होना
  • गले में जकड़न होना
  • पेट दर्द
  • मतली या उल्टी
  • ब्लड प्रेशर लो होना
  • दिल की धड़कन तेज होना
  • डायरिया
  • एलर्जी होना

यदि वैक्सीन लगने के बाद आपको कोई भी गंभीर साइड इफेक्ट्स दिखें तो ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर को रिपोर्ट करना चाहिए ताकि समय पर आपका उपचार किया जा सके.

ये सीरियस साइड इफेक्ट्स बहुत ही कम लोगों में दिखाई देते हैं इसलिए यह वैक्सीन लगवाना पूर्णतः सुरक्षित है.

कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद वैक्सीनेशन सेंटर का स्टाफ़ आपको 15 से 30 मिनट के लिए अपनी निगरानी में रखता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपको वैक्सीन का कोई सीरियस साइड इफेक्ट तो नहीं हुआ है.

टीका लगने के बाद बुखार आने पर क्या करें?

टीका लगने के बाद बुखार आने पर क्या करें?

कुछ लोगों को कोविड-19 वैक्सीन लगने के 7-8 घंटे बाद हल्का बुखार आ सकता है. ऐसे में घबराएं नहीं.

बुखार आने का मतलब है कि टीका अपना काम कर रहा है. ऐसे में आपको बुखार के लिए सिर्फ पैरासिटामोल (Paracetamol Tablet 650 mg) लेनी है. यह बुखार आपको एक से दो दिन तक रह सकता है.

यदि वैक्सीन लगने के बाद आपको इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन आती है तो सूजन को कम करने के लिए वहां पर बर्फ़ की सिकाई करें या फिर विक्स लगाएं.

क्या वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स सबमें एक जैसे दिखाई देते हैं?

वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स सबमें अलग-अलग दिखाई देते हैं. हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है और अलग-अलग तरीके से रिएक्ट करता है. वैक्सीन लगवाने पर शरीर के साथ-साथ उम्र का भी प्रभाव देखने को मिलता है. युवाओं और बुजुर्गों में वैक्सीनेशन के अलग-अलग साइड एकेक्ट्स देखे जा सकते हैं.

कई लोगों को टीका लगने के बाद भी बुखार, थकान, सिरदर्द या कोई भी दूसरा साइड इफेक्ट नही होता है. इसका यह अर्थ बिल्कुल भी न निकालें कि टीका काम नहीं कर रहा है. वैक्सीनेशन करवाने वाले हर व्यक्ति के शरीर में वैक्सीन अपना पूरा काम करती है. वैक्सीन इम्यून सिस्टम के दूसरे हिस्से को सक्रिय करके उसमें एंटीबॉडी बना देती है और वायरस से शरीर का बचाव करती है.

कोरोना की दोनों वैक्सीन लगने के बीच कितने समय का अंतर होना चाहिए?

गवर्नमेंट प्रोटोकॉल के अनुसार, कोवैक्सीन की पहली डोज़ लगने के 28 दिन बाद ही दूसरी डोज़ दी जा रही है जबकि, कोविशील्ड की पहली डोज़ लगने के 84 दिन बाद दूसरी डोज़ दी जा रही है.

अर्थात् कोवैक्सीन की दोनों डोज़ के बीच 28 दिन और कोविशील्ड की दोनों डोज़ के बीच 84 दिन का अंतर होना ज़रूरी है, तभी यह वैक्सीन इफैक्टिव होंगी और कोरोना वायरस के संक्रमण से आपका बचाव करेंगी.

क्या कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ अलग-अलग टाइप की लगाई जा सकती है?

जी नहीं, गवर्नमेंट की गाइडलाइंस के अनुसार कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों वैक्सीन को आपस में इंटरचेंज नहीं किया जा सकता. कोरोना वैक्सीन तभी इफेक्टिव होगी जब एक ही टाइप की कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवाई जाएं.

वैक्सीनेशन के बाद क्या सावधानी रखनी चाहिए?

जिन लोगों को कोविड-19 वैक्सीन लग चुकी हैं उन्हें वैक्सीनेशन के बाद भी सभी सेफ्टी प्रोटोकॉल्स को फॉलो करना ज़रूरी है. जैसे: हाथ धोना, मास्क पहनना, सैनिटाइज़र का प्रयोग करना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना आदि.  

वैज्ञानिकों के अनुसार यह वैक्सीन अपना पूरा इफेक्ट दिखाने में कुछ समय ले सकती है इसलिए दूसरी डोज़ लगने के बाद भी आप लापरवाही न बरतें और अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें.

क्या कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लगने के बाद भी कोविड-19 पॉजिटिव होने की संभावना है?

जी हां, कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज़ लगने के बाद भी आप कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं. ऐसे भी कुछ केस देखे गये हैं, जिनमें कोविड की दोनों वैक्सीन लगने के बाद भी लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं.

लेकिन जिन लोगों ने अपना वैक्सीनेशन करवा लिया है उनके शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी तैयार हो जाती है जो वायरस से लड़ने की ताकत देती है और भविष्य में कोरोना वायरस उनके शरीर को बहुत अधिक नुक्सान नहीं पहुंचा सकेगा.

क्या कोविड वैक्सीन बच्चों के लिए सुरक्षित है?

फ़िलहाल कोविड-19 की दोनों ही वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड केवल 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए ही सुरक्षित मानी गई है. 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे फ़िलहाल यह वैक्सीन लेने के पात्र नहीं हैं.

कोविड वैक्सीनेशन से सम्बंधित सवाल-जवाब

  1. टीका लगने के बाद क्या-क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

    कोविड वैक्सीनेशन के बाद कुछ लोगों में इसके साइड इफेक्ट्स भी देखे गये है जैसे: बुखार आना, सिरदर्द, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, सूजन, थकान होना, जोड़ों में दर्द होना आदि. लेकिन ये सभी साइड इफेक्ट्स अस्थाई होते हैं और कुछ समय बाद इनका प्रभाव समाप्त हो जाता है.

  2. वैक्सीनेशन के बाद साइड इफेक्ट्स क्यों होते हैं?

    वैक्सीनेशन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स इस बात का संकेत हैं कि आपके शरीर की रोग-प्रतिरोधक प्रणाली अभी सक्रिय है. ये दुष्प्रभाव कुछ ही दिनों तक रहते हैं अतः इनसे घबराने की आवश्यकता नहीं है.

  3. इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन क्यों आ जाती है?

    बांह में जिस जगह पर टीका लगता है वहां पर कुछ दिन तक सूजन और हल्की जलन सी रहती है. इसका कारण है व्हाइट ब्लड सेल्स का इकट्ठा हो जाना. यह समस्या तीन-चार दिन बाद ठीक हो जाती है.

  4. क्या वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स सबमें एक जैसे दिखाई देते हैं?

    जी नहीं, वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स सबमें अलग-अलग दिखाई देते हैं. हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है और अलग-अलग तरीके से रिएक्ट करता है. वैक्सीन लगवाने पर शरीर के साथ-साथ उम्र का भी प्रभाव देखने को मिलता है. युवाओं और बुजुर्गों में वैक्सीनेशन के अलग-अलग साइड एकेक्ट्स देखे जा सकते हैं.